मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

डेट: पार्ट 2


का (फ़ोन पर नंबर डायल करता हैलाइन कट करता हैडायल करता हैफिर कट करता हैबहुत देर तक यही उपक्रम चलता है। कुछ समय बाद एक लम्बी सांस भर कर फ़ोन को एक किनारे पर रख देता है। झक मार कर दुबारा फ़ोन उठाता है। नंबर डायल करता हैऔर दूसरी तरफ से 'कीफ़ोन पर आती है)

कीहेल्लो ..हेल्लो ..हाँ मालूम है कि तुम ही हो। चलो ट्रैफिक जाम मत करो और बताओ कि  क्या सोच कर फ़ोन किया 

का ('कीका आत्मविश्वास देख कर थोडा घबरा जाता हैगला साफ़ करते हुए): वो ..दरअसल .. हाँ ! तुम घर पहुँच गयी  ठीक तरह से !

की (कुटिल मुस्कान भरी आवाज़ के साथ): मेरा ख़याल है तुम ही घर तक छोड़ कर गए थे। पाँच  दफे पीछे पलट कर मुस्कुराए थे और दस दफे हाथ हिला कर गुडबाय किया था। खैर ! इसके बावजूद मैं सही-सलामत घर पहुँच गयी हूँ (हंसने लगती है

का: (मायूस आवाज़ के साथओह ! 


का: (चुप)

की: (चुपचाप मुस्कुराती है

काअच्छा ठीक हैमैं फ़ोन रखता हूँ अब। 

की के ! बाय ! गुड नाईट 

का: (चुप)

कीक्या हुआ

का (थोडा चिढ़ते हुए): तुम क्या हमेशा मेरे मज़े लेने की फ़िराक में रहती हो ! देख कर तो इतनी बेवक़ूफ़ नहीं लगती कि  कुछ समझती ही ना हो !

की(थोडा कुढ़ते हुए): तुम क्या हमेशा से दूसरों को मुफ्त का एंटरटेनमेंट देना पसंद करते हो ! लेट मी टेल  यू कि  तुम बहुत ही घटिया एक्टिंग स्किल्स रखते हो 

का (थोडा परेशान होते हुए): क्या मतलब है इसका !  के ! आई ऍम सॉरी 

कीयस यू शुड। मैं क्या कोई फेस रीडर हूँ जो सब जान जाऊँगी  और खुलासे करने लगूंगी और हूँ भी तो क्या ठेका ले रखा है सब कुछ बोलते रहेने का ! खुद क्यूँ नहीं बोलते कुछ ! 

का (धीमी आवाज़ मेंक्या बोलूं ! (थोडा अटकते हुएजैसे तुम जानती ही नहीं।। आई मीन , तुम जानती हो कि हम क्यूँ मिले आज ! मैं ....कितना पसंद करता हूँ तुम्हें  ...पिछले एक साल से इतनी बातें की हमने मगर मैं कभी कह नहीं पाया। 

कीतो आज कैसे कह पाए !

कावो ..तुमने जब आज अचानक हाथ पकड़ा मेरा तो मुझे लगा  ... लगा कि कह देना चाहिए ...शायद तुम भी यही  सुनना चाहती हो ...देखो गलत मत समझना मुझे ! मैं  चाहता हूँ तुम्हे।  पिछले एक साल में कई दफे मैं तुम्हारे साथ चांदनी रात में समंदर किनारे चहलकदमी करने के सपने देखता हूँ ..मैं ..

कीहाँ ! मैं भी पिछले दो सालों से तुम्हारे साथ सोने के सपनें देखती हूँ . अक्सर 

का: (चौंक कर हल्ख़ के नीचे थूक गटकता है और 'कीको बीच में टोक करक्याअअआा ?

की (भरपूर मासूमियत के साथ): हाँ ! तुम्हे क्या लगा ! हर लडकी पहली डेट में ही लड़के का हाथ पकड़ कर उसके कंधे पर सर टिका कर उसकी बेवकूफियों पर हँसना चालू कर देती है ! 

काओह ! (चुपअच्छा ! (चुप के ! ह्म्म्म 

की (हँसते हुए) : लाइब्रेरी में सर झुका कर डूबे रहा करते थे तुम। बहुत बार मन हुआ कि तुम्हारे पास आकर धीमे-धीमे तुम्हारे कंधे सहला दूं। तुम्हारी चोरी से देखने की आदत से बड़ी कोफ़्त होती थी इसीलिए तुम्हे हिम्मत देनी ज़रूरी थी। तुम्हारी ज़िन्दगी में आंखिरी 'कीनहीं बनना मुझे मगर पहली "की" , ज़रूर बनना था ..यू नो ! एक चुनौती की तरह लगता हैतुम्हे किताबों से अलग कर अपनी आँखों में डुबो देना  ..और फिर आज शाम जब तुमने कहा "आपकी आँखें बहुत गहरी लगती हैंतो लगामानो कुछ अघटित सा घटित  हुआ पहली बार . जैसे ..! हेलो ! हेल्लो .. सुन रहे हो  तुम ! 

काअअ   ...हाँ सुन रहा हूँ . मगर समझ नहीं पा रहा हूँ 

की (हँसते हुए) : रिश्तों में दिमाग जितना कम लगे उतना ही बेहतर है। 

काथोड़ा अजीब है ये सब .. लगता हैजैसे आपकी चुनौती ने मेरी चुनौती को  बहुत छोटा कर दिया हैजैसे ..जैसे मुझे मेरी आदमियत से थोडा अलग कर दिया है ...मेरे लिए ये सब आसान नहीं है 

कीहाँ ! औरत की ईमानदारी को पचा पाना आसान नहीं है (हंसती हैदेखिये दिमाग  लगाइए ज्यादा। बस प्यार कीजिये। कम से कम हम लड़कियों से इतना तो सीखिए (धीमे से फ़ोन पर किस करती हैआई लव यू !

काह्म्म्म ... थोडा वक़्त दीजिये पचाने के लिए ..मेरा हाजमा इस केस में अक्सर गड़बड़ रहता है . आई लव यू टू 

  




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